बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त मामलों के ससमय निष्पादन में कोताही को लेकर जिलाधिकारी द्वारा की गयी कार्रवाई

बेतिया ( प० चम्पारण )

★ कार्य में लापरवाही एवं शिथिलता को लेकर बैरिया, चनपटिया, बगहा-01, बगहा-02, मधुबनी, सिकटा एवं लौरिया अंचलाधिकारी को शोकॉज

★ वेतन भुगतान पर लगी रोक, लंबित मामलों के निष्पादन के उपरांत वेतन विमुक्त करने का निदेश।

★ वादों के निष्पादन में लोक प्राधिकारों की अहम भूमिका, ससमय निष्पादित करायें मामलें : जिलाधिकारी

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त मामलों के ससमय निष्पादन में लापरवाही, शिथिलता एवं कोताही बरतने को लेकर जिले के बेतिया, चनपटिया, योगापट्टी बगहा-01, बगहा-02, मधुबनी, सिकटा एवं लौरिया अंचल के अंचलाधिकारियों को जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण द्वारा शोकॉज करते हुए कार्यकारी विभाग को दो दिनों दिनों के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने का निदेश दिया गया है। साथ ही उक्त अंचलाधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गयी है। लंबित मामलों का निष्पादन होने के उपरांत संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन के आलोक में ही वेतन विमुक्त करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है। ज्ञातव्य हो कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत अंचलाधिकारी, बैरिया के स्तर पर 16, अंचलाधिकारी, चनपटिया के स्तर पर 11, अंचलाधिकारी, योगापट्टी के स्तर पर 10, अंचलाधिकारी, बगहा-01 के स्तर पर 48, अंचलाधिकारी, बगहा-02 के स्तर पर 35, अंचलाधिकारी, मधुबनी के स्तर पर 13, अंचलाधिकारी, सिकटा के स्तर पर 25 एवं अंचलाधिकारी, लौरिया के स्तर पर 08 मामले लंबित हैं। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त मामलों के ससमय निष्पादन में लापरवाही, शिथिलता एवं कोताही को लेकर जिलाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण एवं वेतन भुगतान पर रोक की कार्रवाई की गयी है। जारी शोकॉज में कहा गया है कि इतनी बड़ी संख्या में वाद लंबित रहना यह स्पष्ट करता है कि उक्त अधिनियम के तहत प्राप्त दायर परिवादों के ससमय निष्पादन हेतु कोई अभिरूचि नहीं ली जा रही है। यह अत्यंत ही खेदजनक है। ऐस कृत्य कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता को परिलक्षित करता है। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनयम, 2016 सरकार का अतिमहत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। परिवादियों द्वारा उक्त अधिनियम के तहत दायर किये गये वादों का निर्धारित समय सीमा के अंदर निष्पादन किया जाना अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि वादों के निष्पादन में लोक प्राधिकारों की अहम भूमिका होती है। सभी लोक प्राधिकार अभिरूचि लेते हुए ससमय वादों का निष्पादन कराना सुनिश्चित करें। वादों के ससमय निष्पादन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

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