बाढ़ पीड़ितों को राहत न मिलना आपदा प्रभारी मंत्री का निकम्मापन: वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता

बेतिया नगर से अतुल कुमार की रिपोर्ट

◆ 25 सितम्बर के ऐतिहासिक भारत बंद को सफल करने का अभियान चलाएगा माले

पूरा बिहार बाढ़ से तबाह बर्बाद है, लेकिन सरकार के द्वारा राहत का कोई अता – पता नहीं है, बगल के पूर्वी चंपारण के आठ प्रखंड बाढ़ की चपेट में है, अरेराज के घटिया, नवादा, सरेया, आदि पंचायतों के एक हजार से ज्यादा परिवार गंडक बाध पर शरण लिए हुए हैं, उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। और तो और आपदा प्रभारी मंत्री मुख्यमंत्री रेणु देवी के गृह जिले के पश्चिमी चंपारण के पिपरासी प्रखंड के सेमरा लबेडहां, मझरिया पंचायतों के बाढ़ पीड़ित छतौनी रेल बांध पर 8 दिनों से वार्षा और धूप में शरण लिए हुए हैं, उत्तर प्रदेश के राहत शिविरों में खाना खाते हैं उनके लिए मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित सेमरा, लबेदहां स्थित बाढ़ आश्रम स्थल भवन का ताला तक नहीं खुलवाया गया है। एक बलूआ ठोरी गाँव है जहां एक मात्र नाविक द्वारा जा सकता है, मगर सरकार ने एक नाविक तक भी व्यवस्था नहीं कर सकीं है। सिकटा प्रखंड समेत जिले के बाढ़ ग्रस्त प्रखंडों में शायद ही कहीं गरीबों को राहत देने और किसानों के बर्बाद बीचडों का मुआवजा दिया गया हो उक्त बातें प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने संबोधित करते हुए कही, इस क्रम में उन्होंने आगे कहा कि यह सब आपदा प्रबंधन मंत्री के निकम्मापन के कारण है। ऐसा कभी पश्चिमी चंपारण के लोगों ने नहीं देखा कि इस तरह की बाढ़ की बर्बादी हो और राहत कार्य चलाया गया हो उन्होंने आगे कहा कि चंपारण के लोग का रहे हैं आपदा प्रबंधन प्रभारी उप मुख्यमंत्री आपदा प्रबंधन के बदले ठेकेदारों और भू माफियाओं के प्रबंधन  मंत्री बन कर रह गई है। यूरिया की किल्लत के मामले में उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश की खेती बारी को कंपनियों के हवाले कर रही है, किसानों को घाटे में डालकर उनकी जमीन को कंपनियों द्वारा हड़प लिए जाने की योजना पर काम कर रही है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल – पेट्रोल के मूल्यों में कमी के बावजूद यूरिया उत्पादन कम कर यूरिया की किल्लत पैदा कर रही है, यूरिया निर्माण में पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल होता है उन्होंने कहा कि बिहार में अगस्त माह में एक लाख एमटी यूरिया कम आपूर्ति की गई है, बिहार की डबल इंजन की सरकार में बिहार का एकमात्र बरौनी का खाद करवाना बंद कर दिया है, पश्चिम चंपारण में अगस्त माह में 13000 मीट्रिक टन के बदले मात्र 5900 मीटिंग टन यूरिया की आपूर्ति की गई है, माले नेता ने इस संबंध में कृषि निदेशक के साथ 18 अगस्त के बातचीत में अगस्त माह के यूरिया का पूरा कोटा देने का आश्वासन को पूरा नहीं किए जाने पर कहा कि बिहार के पदाधिकारी भी भाजपा नेताओं की तरह झूठ बोल रहे हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में माले नेताओं ने पश्चिमी चंपारण समेत पूरे बिहार में बाढ़ व अतिवृष्टि से लालशरण रोग के कारण गन्ना की बर्बाद फसलों की मुआवजा देने की मांग के साथ पंजाब की तरह बिहार में गन्ना मूल्य ₹360 प्रति क्विंटल करने की मांग की है, माले नेताओं ने बाढ़ राहत, यूरिया संकट, गन्ना का मुआवजा और मूल्य वृद्धि, सड़क रेल और हवाई अड्डों, स्टेशनों, कालेजों, अस्पतालों आदि बेचने जाने के खिलाफ 25 सितंबर के भारत बंद की तैयारी के क्रम में सघन अभियान चलाने की भी घोषणा की इनके अलावा किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील राव, भाकपा माले नेता सह ऐक्टू जिला अध्यक्ष रविन्द्र रवि, इनौस नेता सुरेन्द्र चौधरी, भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सुनील यादव लोगों ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया

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