बेतिया। जिले में मिशन परिवार विकास अभियान के तहत जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने बताया कि इस पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए स्थानीय सांसद विधायक, पंचायती राज संस्था के सदस्य, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य कर्मी एवं सिविल सोसायटी के सदस्य के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं मीडिया चैनलों का सहयोग लिया जाएगा। वहीं आमजन को उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि की भागीदारी सुनिश्चित हो, इसका ध्यान रखा जाएगा।आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ई-रिक्शा के माध्यम से क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। आमजन द्वारा गर्भनिरोधक अस्थाई उपाय यथा छाया, माला-एन ईजी एवं कंडोम की मांग किये जाने पर उन्हें स्थल पर ही उपलब्ध करायी जाएगी।
दो चरणों में चलेगा जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा:
जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा दो चरणों में संचालित किया जाएगा। जिले के आशा समन्वयक राजेश कुमार ने बताया कि 04 से 10 सितंबर तक दंपति संपर्क पखवाड़ा एवं 11 से 26 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों के उपयोग करने की जानकारी, आशा, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी जाएगी। इस क्रम में कॉपर टी, गर्भ निरोधक सुई, बंध्याकरण व नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाएगा । वहीं गर्भ निरोधक गोली व अन्य सामग्री स्वास्थ्य केंद्रों पर वितरित की जाएगी।
सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि: डीपीसी अमित कुमार व अनुश्रवण पदाधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में निःशुल्क एवं सुरक्षित परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी संसाधन उपलब्ध हैं। इसका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि लाभुक को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी किया जाता है।
बच्चों के जन्म में अंतर रखने का बेहतर विकल्प है कॉपर-टी:
डीसीएम ने बताया कि कॉपर-टी एक अस्थायी विधि है। जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता। कॉपर-टी 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है। कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है। गर्भनिरोधक गोली माला- एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है। जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है। माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियाँ हैं। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है।
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