बेतिया से शहाबुद्दीन अहमद की रिपोर्ट
आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रतिनिधियों को चुनने में समझदारी दिखानी पड़ेगी, लोगों के बहकावे और लालच में पड़कर मतदान नहीं करना होगा, मतदाता प्रतिनिधियों की लुभावने नारे,कोरा आश्वासन,झूठी तसल्ली का सपना दिखाकर मत लेने का काम करते हैं, मगर मतदान होने के बाद और विजय घोषित होने के बाद पुनः 5 सालों तक मतदाताओं से मुलाकात भी नहीं करते हैं ,और ना ही उनका कोई काम करते हैं,इसके पीछे कुछ राज यह है कि मतदाता भी पैसे की लालच में अपने मत का दुरुपयोग करते हैं, जो अभ्यार्थी पैसा देकर मत लेता है, वह मतदाता का ख्याल नहीं कर सकता है,उसके दिमाग में यह बैठा रहता है कि यह मतदाता हम से पैसा लेकर हम को मतदान किया है, इसलिए इसका काम नहीं करना है,मतदान करते समय प्रत्येक मतदाता को गलत प्रवृत्ति,अपराधी,बैंक करप्ट, असामाजिकतत्व, भगोड़ा,सजायाफ्ता कैदी कोअपना बहुमूल्य मत का प्रयोग नहीं करें ,क्योंकि ऐसे प्रवृत्ति के लोग जीत कर भी कुछ नहीं कर पाएंगे, और 5 सालों तक अफसोस करना पड़ेगा,तथा क्षेत्र का विकास भी संभव नहीं हो पाएगा,पंचायत प्रतिनिधियों को चुनने में, बुद्धिजीवी,होशियार,शिक्षित, कर्मठ ,योग्य,स्वतः निर्णय करने की क्षमता रखने वाली महिलाओं को ही जनप्रतिनिधि का चुनाव करें,वैसी महिला प्रतिनिधियों को नहीं चुने,जिनके अंदर अपने स्वत: काम करने की योग्यता, क्षमता नहीं हो और उनकी कमान उनकेअपने पति को संभालना के लिए निर्भर रहना पड़े।