घरेलू आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से अपने चेहरे को कैसे रखें स्वास्थ्य

आज हम प्रगति के रास्ते पर चल रहे हैं और विज्ञान ने इतनी अधिक प्रगति कर ली हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इस आधुनिक विज्ञान की प्रगति में हमने पाया कम जबकि खोया अधिक हैं।
सबसे अधिक हानि होती है हमारे स्वास्थ्य को,
खाना – पीना, पहनना , रहने के तौर – तरीके से लेकर हमारे नींद तक को इस आधुनिक विज्ञान की प्रगति ने प्रभावित किया हैं। परिणाम स्वरूप हमारा स्वास्थ्य नष्ट होता जा रहा हैं ।

स्वाथ्य में भी सबसे बड़ा हिस्सा हैं सौंदर्य का , ऐसे तो हम सौन्दर्य के प्रति बहुत जागरूक हैं , *इस बात के प्रमाण की रिपोर्ट अभी सामने आई हैं कि हम केवल मुंह धोने में ही 1200 करोड़ रुपये के सौंदर्य प्रसाधन खर्च कर देते हैं।*

इस महंगे रसायन युक्त प्रसाधनों की अपेक्षा यदि हम अपने आस-पास व घरेलू चीजों को इन सौंदर्य प्रसाधनों के स्थान पर प्रयोग करे तो हमारा स्वास्थ्य ही नहीं अपितु धन भी बचेगा।
इसके साथ- साथ हमें अपने ऊपर संयम रखकर जीवन जीना होगा तभी हम इस आधुनिक विज्ञान के साथ स्वस्थ्य जीवन के ताल-मेल कर पायेंगे।
यहाँ पर कुछ घरेलू उपाय दिये जा रहे हैं जो महंगे प्रसाधनों से अपेक्षाकृत कही ज़्यादा कारगर हैं और तुरंत असरकारी भी हैं जिनका प्रतिकूल प्रभाव विल्कुल भी नहीं हैं।।।

गोरी-गोरी त्वचा सिर्फ घरेलू उबटनों से :

• 2 छोटे चम्मच अनार के रस में चुटकी भर हल्दी व थोड़ी-सी मलाई मिलाकर फेंटें। इस लेप को चेहरे पर मले, 15-20 मिनट उपरांत गुलाब जल युक्त पानी से चेहरा धो लें। चेहरा गुलाबी-गुलाबी आभा से दमकने लगेगा।

• नीबू व आलूबुखारे का रस उबले आलू में मिलाकर चेहरे पर मलें, त्वचा साफ व कोमल रहेगी।

• पके परवल के गूदे को बारीक पीसकर उसमें कच्चा दूध मिलाकर चेहरे पर रगड़ें, सांवलापन दूर हो जाएगा।

• सेब के रस में थोड़ा-सा बेसन मिलाकर चेहरे पर मलने से झुर्रियां व झाइयां दूर हो जाती हैं।

• आंखों के नीचे का कालापन दूर करने के लिए कच्चे आलू की फांकें रगडऩे से काले धब्बे दूर हो जाएंगे।

• गुलाब के फूल की पंखुडिय़ों को पीसकर लेप को ग्लिसरीन में मिलाकर चेहरे पर मलें, चेहरा गुलाब की भीनी-भीनी खुशबू के साथ गुलाबी-गुलाबी आभा में दमकने लगेगा।

• माल्टा के रस में शहद व मलाई मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा चमकदार बनी रहेगी।

• लाल टमाटर व नीबू के रस में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा की खुश्की दूर होती है।

• कागजी नीबू के छिलके जांघों पर मलने से जांघें चिकनी-मुलायक तो होती ही हैं, रंगरूप भी निखरता है।

• नाशपाती के गूदे को दूध में घोलकर, इसके लेप को चेहरे पर लगाकर रूई से रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें, चेहरा खिल उठेगा।

• रात्रि में सोने से पूर्व एक छोटे चम्मच दही में चुटकी भर हल्दी फेंटें, इसे हाथों पर मलें, हाथों का रंग रूप निखरने लगेगा।

• ताजा लाल गुलाब का रस होंठों पर लगाने से होठों की आभा दमकने लगती है, नित्य गुलाब का रस मलने से होंठ फटते भी नहीं।

• खट्टे फलों के गूदे हाथ-पैरों पर मलें, सूखने पर हाथ पैर धोलें, हाथ पैरों का सौन्दर्य खिल उठेगा।

डॉ. प्रकाश कुमार
एम.डी (पैट.) पीएच.डी (स्कॉलर)
गोल्ड मेडलिस्ट
वन वाटिका आयुर्वेद नेचुरोपैथी अनुसंधान केंद्र (कोतवाली चौक बेतिया)
सम्पर्क सूत्र:- +91 9060355969

7 thoughts on “घरेलू आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से अपने चेहरे को कैसे रखें स्वास्थ्य

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