मासिक धर्म का रुकना, मासिक धर्म से संबंधित इस समस्या को एमेनोरिया कहते हैं आयुर्वेद से घरेलू उपचार

इसमे उन महिलाओं को शामिल किया गया हैं जिनमे 3 या 3 माह से अधिक समय के बाद भी मासिक धर्म ना होने की शिकायत होती हैं।
16 वर्ष के बाद और रजोनिवृत्ति से पहले की महिलाओं में अगर ऐसी समस्या हैं तो वह निश्चित ही एमेनोरिया की समस्या से ग्रसित हैं,
उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

एमेनोरिया के प्रकर-

एमेनोरिया मुख्य रूप से दो प्रकार का होता हैं

प्राइमरी एमेनोरिया (Primary Amenorrhea)

सेकेंडरी एमेनोरिया (Secondary Amenorrhea)

प्राइमरी एमेनोरिया में यौवन के दौरान पीरियड शुरु नहीं होते हैं।
अगर 16 वर्ष की उम्र तक युवती को मासिक धर्म नहीं होते तो इस स्थिति में प्राइमरी एमेनोरिया की समस्या होगी।
सेकेंडरी एमेनोरिया उस स्थिति को कहते हैं जब प्रारंभिक स्थिति में शुरु हो जाते हैं लेकिन बाद में 3 या 3 से अधिक महीने तक पीरियड बंद हो जाते हैं।

नोट:- ऐसा होना गर्भावस्था या स्तनपान कराने के दौरान सामान्य हैं, इसके अलावा यह समस्या (PCOS) पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, थायराइड के कारण भी उत्पन्न हो सकती हैं।

एमेनोरिया के लक्षण –

इस समस्या के मुख्य लक्षण में ऊपर बताया जा चुका हैं की इस समस्या के दौरान मासिक धर्म रुक जाता हैं।
इसके अलावा भी कुछ लक्षण देख कर भी इस समस्या के बारे में समझा जा सकता हैं जो निम्न हैं –

स्तन के आकर में परिवर्तन होना।
निप्पल से दूधिया डिस्चार्ज ।
आवाज का गहरा होना।
वजन का बढ़ना।
मुहासे।
चेहरे पर अतिरिक्त बालों का विकास होना।
बाल झड़ना।
पेल्विक एरिया में दर्द होना।
योनि में सुखापन आदि।।

एमेनोरिया के कारण –

कई प्रकार के दवाओं के सेवन के कारण भी मासिक धर्म रुक जाता हैं, जैसे- गर्भनीरोधक इंजेक्शन या गोलियों का सेवन,
ब्लड प्रेशर की दवाएं, एलर्जी की दवाएं, कैंसर की कीमोथेरेपी, एंटी साईकोटिक ड्रग्स, डिप्रेशन की दवाएं आदि।

अत्यधिक व्यायाम और कठिन परिश्रम के कारण।

शरीर के अत्यधिक कमजोर हो जाने के कारण।

एमेनोरिया की रोक थाम –

सेकेंडरी एमेनोरिया के लिए कुछ घरेलू आवश्यक उपाय –

संतुलित और पौष्टिक आहार ले।
तनाव मुक्त रहे।
अनुकूल व्यायाम प्रतिदिन करें।
संगीत सुने और ध्यान करें।
अत्यधिक वसा युक्त खाद्य पदार्थों, फास्ट फ़ूड के सेवन से बचे।
आहार में अत्यधिक आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

घरेलू उपचार –

एक चम्मच गुड़ और एक चम्मच अजवाइन एक ग्लास पानी में उबाले जब एक कप पानी बच जाय तो उसे छान कर चाय की तरह सुबह खाली पेट पिए।

एक चम्मच सोंठ का चूर्ण और एक चम्मच गुड़ मिलाकर खाएं या उपरोक्त बिधि द्वारा उबाल कर पिए।

परम्परागत उपचार –

पुष्यधनवा रस
नष्टपुष्यानुग चूर्ण
का सेवन किसी किसी योग्य चिकित्सक की सलाह से सेवन करें।

डॉ. प्रकाश कुमार
एम.डी (पैट.) पीएच.डी (स्कॉलर)
गोल्ड मेडलिस्ट

वन वाटिका आयुर्वेद नेचुरोपैथी अनुसंधान केंद्र (कोतवाली चौक बेतिया)
सम्पर्क सूत्र :- +91 9060355969

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