बेतिया। नगर निगम के मेयर पद के चुनाव में करीब 75 फीसदी मत पाकर बेतिया की मेयर गरिमा देवी सिकारिया ने पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी की बहु (भतीजे की पत्नी) सुरभि घई को लगभग एकतरफा मुकाबले में शानदार तरीके से पराजित किया है। बेतिया नगर परिषद की सभापति के रूप में करीब साढ़े तीन साल तक पदासीन रहीं गरिमा देवी सिकारिया ने बेहतर काम करके लोकप्रियता की ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही उनके राजनीतिक विरोधियों ने षड्यंत्र कर के अनर्गल तरीके से अविश्वास लगवा कर बीते 28 दिसंबर 2022 को हटा दिया। हालांकि मामले की करीब एक साल तक सुनवाई करने के बाद उनके विरुद्ध अविश्वास के प्रस्ताव और उसकी प्रक्रिया को पटना हाई कोर्ट ने अवैधानिक करार दिया। लेकिन तब तक नगर निगम बनने के छह माह में चुनाव नहीं होने को लेकर नगर परिषद् का बोर्ड सरकार ने भंग कर दिया। अविश्वास के अब पूरे दो साल बाद हुए चुनाव के मतदान में गरिमा देवी सिकारिया के विरोधी चारों खाने चित हो गए हैं। चुनाव में रिकार्ड मतों से जीत हासिल करने पर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि रजनीतिक विरोधियों ने कुकृत्य पूर्वक उन्हें हाशिये पर कर दिया था। लेकिन पहले न्यायालय और फिर जनता जनार्दन के न्यायालय में भारी जीत मिली है।
उन्होंने कहा कि अपनी पूरी क्षमता से नगर निगम क्षेत्र के हरएक व्यक्ति, परिवार,बस्ती, मुहल्ला की सेवा समर्पित भाव से करूँगी। नगर परिषद की सभापति के रूप में हर साल 50 से 60 करोड़ की राशि हर साल खर्च करती रही हूं। नयी नगर निगम सरकार में आंतरिक और बाह्य वित्तीय संसाधनों का उपयोग कर उससे कम से कम चारगुना से भी अधिक राशि पूरे नगर निगम क्षेत्र के विकास खर्च का प्रयास होगा। विकास के साथ आर्थिक संसाधन भी बढ़ाये जाएंगे। नगर निगम में शामिल आठों ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर शहरी संरचना के अनुरूप बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जायेगा।