–मुझे पद से हटाने के बाद भी सेटिंग नहीं हो पाने में शहीद स्मारक- सौंदर्यीकरण के टेंडर को लटकाने का लगाया आरोप,
–नये कार्यकाल में लाइटिंग व फव्वारों से ‘शहीद-पार्क- सौंदर्यीकरण’ को बताया प्रथम प्राथमिकताओं में शामिल
बेतिया। नगर निगम की निवर्त्तमान सभापति गरिमा देवी सिकारिया शुक्रवार को नगर के ऐतिहासिक शहीद पार्क पहुंचीं। पूरे परिसर का अवलोकन के बाद उन्होंने बताया कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में उनकी अध्यक्षता में ऐतिहासिक शहीद पार्क से सम्बन्धित दो योजनाओं को स्वीकृति दी गयी थी। लेकिन उसके बाद ही एक उच्च स्तरीय राजनीतिक षड्यंत्र के तहत भ्रष्टाचार पूर्वक उपसभापति एवं कतिपय पार्षदों द्वारा हमको पद से हटवा दिया गया। जिसके बाद शहीद पार्क से सम्बंधित दो योजनाओं में से जीर्णोद्धार, पाथवे और चहारदीवारी निर्माण वाली 35.97 लाख की योजना से कार्य हो पाया है।
जिसमें पाथवे और बाउंड्री की रिपेयरिंग का निर्माण कार्य सम्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि उनको पद से हटा देने के बाद उनके पद पर अवैध रूप से काबिज उपसभापति, पार्षद और उनके कतिपय सहयोगियों की अपने इच्छुक ठेकेदारों से सेटिंग नहीं हो पाने के कारण 36.66 लाख का प्राक्कलन वाले शहीद पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य को लटका दिया गया। जिसके उनके द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन में कई दर्जन लाइट, रंगीन फव्वारों, दस डिज़ाइनर बेंच, दो गजीबो, एक फिश फाउंटेंन, जानवरनुमा डस्टबिन, विभिन्न प्रकार के झूले का निर्माण की योजना है। शहीद पार्क स्वच्छ रखने के लिए पर्याप्त डस्टबिन, झूला, बेंच, गजीबो, गार्ड रूम आदि के निर्माण को भी उन्होंने सभापति पद पर रहते स्वीकृति दे दी थी। इसके साथ ही श्रीमती सिकारिया ने बताया कि उनके नये कार्यकाल में ऐतिहासिक शहीद पार्क में उच्च स्तरीय लाइटिंग और फव्वारों का निर्माण कराया जायेगा। स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार ही ‘शहीद-पार्क’ का उत्तम सौंदर्यीकरण’ का कार्य उनकी प्रथम प्राथमिकताओं में बताया शामिल है। इसके साथ ही राजनीतिक परिवेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नगर निगम की विकास योजनाओं में कतिपय पार्षदों द्वारा ‘लूट की राजनीति’ से नगर निगम की जनता का बड़ा नुकसान हुआ है। आगे ऐसा कत्तई नहीं होने दिया जाएगा।