विश्व एड्स दिवस पर परिचर्चा, रोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता।

बेतिया। विश्व एड्स दिवस पर परिचर्चा का कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि विश्व एड्स दिवस1988 के बाद से प्रति वर्ष1दिसंबर को मनाया जाता है।जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है, उनका शोक मनाना और इससे बचने के लिए जन जागरण कार्यक्रम का आयोजन करना मुख्य उद्देश्य है।बीमारी के प्रति सचेत करना तथा इस से सतर्क रहना की सलाह दी जाती है। बावजूद इसके जिले में एचआईवी के मामले घटने के बजाय बढ़ रहे हैं।आंकड़ों की मानें तो करोना काल में भी एचआईवी संक्रमण की रफ्तार थमने के बजाए और बढ़ती ही नजर आ रही है। बीते 2 साल में एचआईवी के कुल 544 नए मरीज मिले हैं।नतीजा विभाग को फिर जागरूकता अभियान चलाने पर विवस है।इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों ने एक बैठक की थी इसमें एड्स दिवस को जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया। इस जागरूकता अभियान के एआरटी प्रभारी डॉ एस एन खान ने संवाददाता को बताया कि एचआईवी से ग्रसित सभी मरीजों को प्रतिदिन जांच किया जाता है। साथ ही प्रसव के लिए आई महिलाओं को एचआईवी जांच प्रतिदिन किया जाता है,ताकि इस संक्रमण से ग्रसित लोगों को पहचान की जा सके।इसके उपरांत ग्रसित मरीजों को दवा एवं जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने आगे बताया कि जिला में प्रतिवर्ष मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।जिसको देखते हुए जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक बन गया है।आगे उन्होंने बताया कि एचआईवी रोग से ग्रसित मरीजों को चिन्हित होने के उपरांत बिहार सरकार के द्वार बिहार शताब्दी की तरफ से मरीजों को पौष्टिक भोजन के लिए प्रतिमाह1500/= दिया जाता है,ताकि इस रोग से ग्रसित मरीज पोष्टिक भोजन कर सकें।विश्व एड्स दिवस को लेकर की जा रही तैयारियों के दौरान,जाहिर हुसैन,राजीव कुमार शर्मा राजेश कुमार पुष्पा कुमारी,आलोक प्रकाश,नीतू कुमारी समेत अन्य उपस्थित रहे।

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