बेतिया/ प0 चम्पारण बेतिया जिला के नौतन में शराब पीने से हुई मौत ने पूरे बिहार में शराब बंदी की पोल ही खोल कर रख दी है। वही बिते दिनों सबेया गांव में शराब पीने से दर्जनों मौत हो गई थी। अब मौत के बाद प्रसासन की नींद खुलती है। बता दे कि लौरिया थाना क्षेत्र के सिरकैया एन एच 727 के किनारे शाम होते ही पियक्कड़ों का तांता लगा रहता है लेकिन प्रसासन मौन क्यो है। ऐसा लगता है कही न कही छूट के कारण ही शराब पीने से मौतों के आंकड़े बढ़ गए है। युवा राजद जिला उपाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि विभिन्न चौक चौराहो पर शराबियो तथा दुकानदारों में तू तू मैं मैं की घटना होती रहती है। वही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प0 चम्पारण बेतिया जिला के बगहा हनुमान गड़ी, नरैनापुर, परसौनी चौक के समीप धांगड़ टोली गांव में धड़ल्ले से शराब का खुला कारोबार किया जाता है, सिरकैया एन एच 727 सड़क के किनारे खुला में बैठ कर शराबी पीते है लेकिन प्रसासन देखते हुए भी कुछ कर नही पाती है। ऐसा लगता है शराब बंदी का खुला खेल चल रहा है निर्दोष को जेल भेजा जा रहा है दोषी को पैसे लेकर मैनेज किया जा रहा है। आखिरकार शराब बंदी का खेल कब तक चलता रहेगा। बता दें कि शराब से हुई मौत ने पूरे बिहार के शराबबंदी की पोल खोल कर रख दी है। जहरीली शराब से मौत के लिए जिम्मेदार कौन है।
युवा राजद जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि शराब माफियाओं और पुलिस प्रशासन को दुधारू गाय बनाने का कार्य किए मैं पूछना चाहता हूं कि पिछले 7 दिनों में मुजफ्फरपुर गोपालगंज और बेतिया में जहरीली शराब से 60 लोगों की मृत्यु हो गई। विगत 3 दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक की मौत हो चुकी है अधिकांश शव को पुलिस बिना पोस्टमार्टम किए जला रही है उनके अनुसार आखिर यह किस तरह की शराबबंदी है। बिहार में करोडो कि अवैध शराब तस्करी और समानांतर ब्लैक इकोनॉमी चल रही है पर सरकार स्थानीय प्रशासन माफिया और तस्कर पुलिसिया सिस्टम पर करवाई की बजाएं पीने वालों को कडा सबक सिखाने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा उच्च कोटि के मंत्री राम सूरत के स्कूल के अंदर से दो ट्रक शराब बरामद हुई थी पुलिसिया एफआईआर में इसका जिक्र भी है इसके बावजूद मंत्री के नामजाद भाई को आज तक बिहार पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है यही सरकार की कथित शराबबंदी की सच्चाई है यह कागजों पर है धरातल पर कुछ भी नहीं शून्य के बराबर भी नही।