मैनाटांड़। ग्रामीण इलाकों में बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार के द्वारा हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। वहीं रामपुर का उप स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य विभाग का पोल खोल दे रहा है। देखने से तो रामपुर उप स्वास्थ्य केंद्र भूतबंगला जैसे लग रहा है। इस पर लाखों रुपया हर माह खर्च हो रहा है। लेकिन, हकीकत कुछ और ही है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण थरुहट क्षेत्र की राजधानी रामपुर मे बने कई वर्षों से उपस्वास्थ्य केन्द्र डॉक्टर नहीं आने से इन दिनों तबेला बना हुआ है। यहां मवेशी बांधे जाते हैं और कमरे में गोइठा रखा जाता है। सबकुछ जानने के बाद भी जिम्मेवार मूकदर्शक बने हैं। उपस्वास्थ्य केन्द्र पर दबंगों का कब्जा है। केन्द्र में कोई भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं आते हैं। भवन की स्थिति जर्जर है। न बैठने की जगह है और न ही सामान रखने की। हद तो यह कि कमरे में इंसानों के इलाज के सामान की जगह जानवरों को बांधा जाता है। गांव के गिरजा देवी, इंदिरा देवी, गुड़िया देवी, मेनका देवी, बबीता देवी, संगीता देवी, रेखा देवी, पूनम देवी, प्रतिमा देवी, मिंटू देवी, सुनैना देवी, संजय महतो रविंदर महतो, सुनीता देवी, गीता देवी व अन्य बताते हैं कि उप स्वास्थ्य केन्द्र में कोई भी डाँक्टर नहीं आते हैं। कर्मियों का दर्शन भी नहीं होता है। लाचारी में गांव के लोगों को इलाज के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है।