संपादक:- म0 मंजर आलम
बगहा
प0 चम्पारण बेतिया जिला के बगहा अनुमंडल अंतर्गत बिभिन्न प्रखंडों में हो रहे अवैध रूप से संचालित क्लिनिक का अनुमंडल पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग द्वारा छापेमारी की गई जिसमें कई क्लिनिक को सील करने का निर्देश दिया गया परंतु हुआ कुछ नही। वही झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल कसने के लिए सरकार बिभिन्न प्रकार की दावा करती रही है। लेकिन झोलाछाप डॉक्टर अपना अवैध रूप से धड़ल्ले से क्लिनिक संचलित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बीते दिनों बगहा अनुमंडल पदाधिकारी व स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टर पर नकेल में बरती जा रही लापरवाही की कीमत एक मासूम को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पूरा मामला बगहा पुलिस जिला के लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत हरनाटांड़ बाजार की है जहाँ एक मासूम की उक्त क्लिनिक में इलाज के दौरान मौत हो गई। जिस पर आक्रोशित परिजनों ने झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाया है। इसके बाद चिकित्सक द्वारा आपसी समझौते के बाद बच्ची की शव को घर ले जाकर परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जीतपुर निवासी हिरालाल धांगड़ की एक वर्षीय पुत्री को मामूली स्वास्थ्य खराब होने के बाद हरनाटांड़ स्थित एक निजी चिकित्सक के पास इलाज के लिए ले गया। मृत बच्ची के पिता ने बताया कि उपस्थित चिकित्सक के कर्मी द्वारा बच्ची को गलत इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद मेरी पुत्री के शरीर में अचानक ऐंठन तथा झाग निकलने लगा हम कुछ समझ पाते इसके पहले ही बच्ची की मौत हो गई। परिजनों ने अपना आपा खोते हुए डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया। बच्ची की मां ने रोते बिलखते बताया कि पिछले दिनों बुखार लगने पर होदा सेवा क्लिनिक में लेकर आई थी जिस पर डॉक्टर ने दवाई आदि देने के बाद पुनः गुरुवार को चेकअप के लिए बुलाया था। क्लीनिक पर जब आई तो डॉक्टर के किसी सहकर्मी ने चेक करके बताया कि बुखार नहीं है। सहकर्मी ने कहा कि एक इंजेक्शन लगानी पड़ेगी यह कह कर उसने बच्ची को इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद बच्ची के मुंह से झाग निकला और वह तुरंत मर गई।विदित हो कि बीते हफ्ते बगहा एसडीएम दिपक कुमार मिश्रा के द्वारा छापेमारी की गई थी तथा संदिग्ध पाए जाने के बाद मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश दिया था। स्थानीय नवयुवक दीपक कुमार ने बताया कि छापेमारी के बाद से क्लिनिक का जगह बदल दिया गया था। तथा पूर्व के भाँति ही मरीजों की इलाज की जा रही थी। इसी दौरान गुरुवार के सुबह डॉक्टर के सहकर्मी के द्वारा इलाज के दौरान करीब एक वर्षीय बच्ची को इंजेक्शन लगाई गई। जिससे बच्चे की जान चली गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोते बिलखते परिजनों व डॉक्टर के बीच कुछ बातचीत हुई परिजनों को डॉक्टर द्वारा कुछ अच्छी रकम दी गई, जिसके बाद परिजनों ने किसी कानूनी कार्रवाई से इनकार करते हुए डॉक्टर पर आरोप लगाने से मना कर दिया।तथा मृत बच्ची को लेकर अपने घर चले गए। वही इस संबंध में स्थानीय लौकरिया थानाध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि पीएचसी प्रभारी या परिवारजनों की तरफ से अगर कोई आवेदन प्राप्त होता है तो झोलाछाप डॉक्टर के विरूद्ध प्राथमिकी कर की जाएगी। वही इस संबंध में स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ राजेश सिंह नीरज ने बताया कि इस मामले में कोई जानकारी प्राप्त नही है। अगर यह सत्य है तो अत्यंत निंदनीय है। थाना में आवेदन दे देने के बावजूद भी डॉक्टर का हौसला इतना बुलंद कैसे है कि धड़ल्ले से किलनिक चला रहा है। अगर परिजनों से किसी प्रकार की सूचना मिलती है तो पुनः थाना में आवेदन दिया जाएगा। होदा सेवा क्लिनिक के डाक्टर से इस मामले में जानकारी लेनी चाही तो मोबाइल ऑफ मिला जिससे कोई प्रतिक्रिया नही मिल सकी है।