मैनाटांड। प्रखंड क्षेत्र के भतुहवां में रविवार को आर्य समाज मंदिर में वार्षिकोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ। जिसमें वेदों का पठन-पाठन महर्षि दयानंद के गुणों का बखान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि ओम ही साकार ईश्वर है। महर्षि दयानंद बहुत विद्वान महात्मा थे।जिन्होंने समाज में एक अलग जगाई। इसके बाद सैकड़ों भक्तों ने हवन यज्ञ करके ओम के उच्चारण के साथ कार्यक्रम को संपन्न किया।कोलकाता से आये आचार्य ब्रह्मा दत्त शास्त्री एवं सदानंद शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज कोई संगठन नहीं बल्कि एक सिद्धांत है। व्यक्ति के शैशव काल से लेकर वृद्धावस्था तक का जीवन मानवोचित बनाने के सारे संदेश आर्य समाज में निहित हैं। उन्होंने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए ही ऋषि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज का अनुयायी सामाजिक समानता का पक्षधर है।उन्होंने कहा कि आर्य समाज सामाजिक, आत्मिक व शारीरिक उन्नति का संदेश देने के साथ सामाजिक दायित्वों व नियमों के निर्वहन का संदेश देता है। मौके पर जिला प्रधान महंत प्रसाद, शमशेर सिंह, लाल जी आर्य,छोटे लाल आर्य,महादेव आर्य आदि लोग मौजूद रहे।