पटना। ग्राम कचहरी को सशक्त बनाने की दिशा में पंचायती राज विभाग की ओर से नई पहल की जा रही है। ग्राम कचहरियों में दायर दीवानी और फौजदारी मुकदमों की मानीटरिंग के लिए साफ्टवेयर डिजाइन किया जा रहा है। इससे मुकदमों की अद्यतन जानकारी मिलती रहेगी। इसमें ग्राम कचहरी सचिव की भूमिका को कसौटी पर कसा जाएगा। तीन माह तक लंबित मामलों की रिपोर्ट नहीं देने पर उसे नोटिस देकर चयन मुक्त कर दिया जाएगा। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है। प्रधान सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बिहार ग्राम कचहरी नियमावली में सचिव के कर्तव्य एवं दायित्व निर्धारित किए गए हैं। कचहरी में दायर दीवानी एवं फौजदारी मुकदमे को लेकर बैठक, कुल एवं निष्पादित मुकदमों की संख्या, इसके प्रकार आदि की रिपोर्ट ग्राम कचहरी सचिव द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक माह की पांचवीं तारीख को समेकित रिपोर्ट विभाग को जिला पंचायती राज पदाधिकारी कार्यालय उपलब्ध कराएगी। निर्धारित समय में रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने वाले कचहरी सचिव के मानदेय पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है। आदेश के अनुपालन तक यह रोक रहेगी। तीन माह तक यह उपलब्ध नहीं कराया गया तो सचिव को चयन मुक्त कर दिया जाएगा।