सर्दियों में ही क्यों आता है कोहरा और कुहासा और क्यों हमें चीजें धुंधली दिखती हैं,आइए पूरा जानते हैं

इनरवा(प० चम्पारण) *रवि कुमार शर्मा*

जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होने पर धुंध (Smog) का निर्माण होता है. कुहासा या धुंध भी एक तरह का कोहरा ही होता है. तकनीकी तौर पर इनमें बस विजिबिलिटी यानी दृश्‍यता का फर्क होता है.

सर्दियों(Winter) में अक्सर सुबह और रात में घना कोहरा (Fog) छा जाता है. सर्दियां (Cold) बढ़ने के साथ ही कोहरा और ज्यादा बढ़ने लगता है. इस वजह से हम थोड़ी दूर तक भी साफ नहीं देख पाते हैं. सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ने का भी यह एक कारण बनता है. क्या आपने सोचा है कि आखिर सर्दियों में ही कोहरा क्यों छाने लगता है? यह आखिर बनता कैसे है? आइए जानते हैं इसके पीछे का विज्ञान (Science of Fog and Smog) क्या है. वैज्ञानिक तौर पर कहा जाए तो बूंदों के रूप में संघनित जलवाष्प के बादल को कोहरा कहा जा सकता है. सर्दियों में जब आर्द्र हवा ऊपर उठकर ठंडी होती है, तो जलवाष्प संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदें बनाती हैं. अनुकूल परिस्थितियों में अक्सर बिना हवा के ऊपर उठे ही जलवाष्प जल की नन्हीं बूंदों में बदल जाती है. इसे हम कोहरा कहते हैं. यह हमारे आसपास के वातावरण में या वायुमंडल में जमीन की सतह के थोड़ा ऊपर फैला रहता है. घने कोहरे में दृश्यता (Visibility) बहुत कम हो जाती है.

*धुंध क्या है?*
जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होने पर धुंध (Smog) का निर्माण होता है. कुहासा या धुंध भी एक तरह का कोहरा ही होता है. तकनीकी तौर पर इनमें बस विजिबिलिटी यानी दृश्‍यता का फर्क होता है. यदि दृश्‍यता की सीमा एक किमी या इससे कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं. वहीं एक किमी या ज्यादा हो तो वह कोहरा कहा जाएगा.कोहरा और कुहासा में फर्क
कोहरा और कुहासा में संरचना का फर्क नहीं है. दोनों ही हवा के निलंबित कणों पर पानी की सूक्ष्म बूंदों से बने होते हैं. इनमें केवल जल की सूक्ष्म बूंदों के घनत्व के कारण अंतर होता है. कुहासा की तुलना में कोहरे में जल की सूक्ष्म बूंदें ज्यादा होती है.

कोहरे की वैज्ञानिक परिभाषा के मुताबिक, इसमें दृश्यता सीमा एक किमी से कम रह जाती है. यह सीमा हवाई यातायात व्यवस्था के लिए तो ठीक है, लेकिन सड़कों पर आम लोगों और वाहनों के लिए दृश्यता की अधिकतम सीमा 200 मीटर होना ज्यादा महत्वपूर्ण है. दृश्यता के 50 मीटर के कम हो जाने पर यातायात डिस्टर्ब होता है और सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है.

कोहरे के लिए ये भी प्रभावी
विज्ञान के मुताबिक, केवल आ‌र्द्रता, ताप और दाब ही कोहरे का निर्माण नहीं करते या इसके लिए जिम्मेदार नहीं होते. जैसा कि यह जानकारी आम है कि गैस से द्रव में बदलने के लिए पानी को गैसरहित सतह की जरूरत होती है. (किचन की रसोई में प्रेशर कुकर के संदर्भ में हम ऐसा उदाहरण देखते हैं). गैस रहित सतह इनको मिलती है पानी की एक बूंद के 100वें भाग से।

इन सूक्षम हिस्सों को संघनन न्यूक्लियाई या क्लाउड सीड कहा जाता है. इसका निर्माण धूल मिट्टी, एरोसाल और तमाम प्रदूषक तत्व मिलकर करते हैं. यदि वायुमंडल में ये सूक्ष्म कण बड़ी संख्या में मौजूद होते हैं तो सापेक्षिक आ‌र्द्रता 100 फीसदी से कम होने पर भी जलवाष्प का संघनन होना शुरू हो जाता है और कोहरे का निर्माण होता है.

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