नव वर्ष के अवसर पर पिकनिक की परंपरा तेजी से लुप्त हो रही।

बेतिया/चौतरवा। बगहा पुलिस जिला में जंगल, पहाड़ व नदियों के रहने के कारण पिकनिक का सर्वोत्तम स्थल माना जाता है।बावजूद पिछले चार वर्षों से परंपरागत नव वर्ष के दिन पिकनिक के दीवाने नहीं दिख पद रहे हैं। पूर्व में पिकनिक के साथ ही डीजे के धुन पर थिरकते युवा व युवतियों को देखा जाता था।परंतु अब नव वर्ष के अवसर पर पिकनिक मनाने की परंपरा तेजी से लुप्त हो रही है।बदल रही है यह परंपरा। नव वर्ष के दिन क्षेत्र में पिछले वर्ष की अपेक्षा बहुत कम लोग पिकनिक मनाते दिखे। खासकर युवा वर्ग के लोगों की बदली मानसिकता साफ झलक रही है। क्षेत्र का मशहूर पिकनिक प्वाइंट गौतमबुद्ध सेतु के आस पास भी l बहुत कम लोग पिकनिक को पहुंचे। उसमें भी बच्चों को ही देखा गया। जो आस पास के खेतों में पिकनिक के लिए जुटे थे। प्रबुद्धों की माने तो पहला कारण शराब पर प्रतिबंध के कारण बिहार से बाहर अन्य राज्यों या फिर बगल के देश नेपाल में पिकनिक के दीवाने चले जा रहे हैं। क्योंकि जबसे बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा है।पिकनिक लुप्त होती दिखने लगी। पूर्व में भी वर्ष 2018 के पूर्व पिकनिक के दीवानों में 80 फीसदी युवा पीढ़ी के ही लोग रहते थे। उन्हें ही देखकर बच्चों में भी प्रतिवर्ष पिकनिक की लत लग रही थी। सो पिकनिक व शराब के बीच अटूट रिश्ता को शराब पर प्रतिबंध का कानून ने तोड़ा है।हालांकि अभी भी कई लोग अपने घरों में ही बढ़िया खाना बनाकर खाने की परंपरा कायम किए हुए हैं। जिसके कारण बाजारों में मांस व मछली की दुकानों पर शनिवार के बावजूद लोगों की भीड़ देखी गई। बावजूद व्हाट्सऐप पर पूरे दिन लोगों का मेसेज आते जाते रहा।

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