दवा घोटाले मामले में लेखा प्रबंधक पर गाज गिरना तय, प्राथमिकी होगी दर्ज।

बेतिया। जिले में दवा खरीदारी में 33.77लाख की दवा घोटाला उजागर हुआ है,इस संबंध में संवाददाता को पता चला है कि जिला स्वास्थ्य समिति के लेखा प्रबंधक विनोद कुमार की संलिप्तता उजागर हुई है।सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार चौधरी ने संवाददाता को बताया कि उनके विरुद्ध प्रपत्र क गठित की गई है साथ ही प्रपत्र क में नामित संचालन पदाधिकारी के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के समीक्षा उपरांत एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई है।दवा घोटाले में फंसे विनोद कुमार कोआदेश दिया गया है कि वह शेष कार्रवाई होने तक अथवा एफआईआर दर्ज होने तक अपने जिममें का संपूर्ण प्रभार एसीडी सेल के फाइनेंसियल एंड लॉजिस्ट कंसलटेंट कन्हैया कुमार को 3 दिनों के अंदर सौंप दें।सिविल सर्जन ने यह कार्रवाई जिला स्वास्थ समिति के अध्यक्ष सह डीएम कुंदन कुमार के सख्ती के बाद की है। इसका मुख्य कारण यह है कि19फरवरी2020 को जिला लेखा प्रबंधक,विनोद कुमार के दवा क्रय घोटाले में संलिप्त होने पर कार्रवाई का अनुपालन प्रतिवेदन की मांग की गई थी। लेकिन1साल से विभागीय स्तर पर इस मामले को दबा कर रखा गया था।उसके बाद डीएम ने सख्ती दिखाते हुए जिला स्वास्थ समिति के सचिव सिविल सर्जन कोअनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।डीएम के सख्त रुख अपनाने के बाद सिविल सर्जन ने लेखा प्रबंधक पर पत्र क गठित कर दिया है। साथ ही संचालन पदाधिकारी के प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के बाद एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इस संबंध में, संवाददाता को बताया गया है कि जिला स्वास्थ समिति की ओर से 2500भायल एंटीडी इमोग्लोबिन दवा की खरीद हुई थी। इसको लेकर वर्ष 2017 में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को प्रमुख ने 2सदस्यीय जांच टीम मामले की जांच करने का आदेश दिया गया था।11 जनवरी2018 को जांच टीम की ओर से समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई का अनुपालन कराने का निर्देश तत्कालीन सीएस को दिया गया था।तत्कालीन सीएस ने मामले को गंभीरता से लेते हुएआधा दर्जन कर्मियों को निलंबित कर दिया था।इसके बाद जांच के नाम पर मामले को स्वास्थाय विभाग की ओर से लटकाए रखा गया। अब करीब 3साल10 महीना के बाद सिविल सर्जन के स्तर पर लेखा प्रबंधक पर कार्रवाई की गई है।

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