बेतिया बगहा। बगहा अनुमंडल अंतर्गत मधुबनी प्रखंड के गंडक नदी के बिहार व यूपी के सीमा पर बांसी नदी में श्रद्धालु लगाएंगे शुक्रवार को डुबकी। त्रेता युग में भगवान राम व माता सीता जनकपुर से अयोध्या जाने के क्रम में अपने समाज के साथ कार्तिक पूर्णिमा के दिन डुबकी लगाए थे। इसी कारण बांसी तट राम घाट कहलाया।तभी से परंपरागत प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन बिहार,यूपी व नेपाल के हजारों श्रद्धालु उक्त नदी में स्नान कर चावल व अन्न का दान करते हैं। मान्यता है कि उक्त पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। पाप नाशिनी है गंडक नदी: परंपरागत मान्यता के अनुसार जो भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन उक्त नदी में स्नान करते हैं,उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।यही कारण है कि प्रति वर्ष उक्त दिन यहां हजारों की संख्या में भक्त जमा होकर पावन नदी में स्नान करके अन्न,धन व वस्त्र का दान करते हैं।इस अवसर पर बांसी नदी के दोनों तटों पर मेला लगता है।पिछले वर्ष कोरोना काल में प्रशासनिक प्रतिबंध के कारण मेला पर प्रतिबंध लगा था।एक दिन पूर्व ही हजारों लोग वहां जमा हो जाते हैं। फिर अहले सुबह से ही स्नान का दौर शुरू हो जाता है।