बेतिया से शहाबुद्दीन अहमद की रिपोर्ट
बेतिया। इन दिनों पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है, जिससे गृहणियों का आम बजट नियंत्रण से बाहर हो रहा है, प्रतिदिन रसोई गैस सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि होने से लोगों के अंदर सरकार के प्रति अविश्वास बढ़ता जा रहा है, इतना ही नहीं, इनके दामों की बढ़ोतरी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है,सरकारी तेल एवं गैस कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर पर ₹15 महंगा कर दिया है , जबकि कमर्शियल सिलेंडर के दाम ₹3 घटा दिए गए हैं ,अब 14.2 किलो एलपीजी सिलेंडर की कीमत ₹998 हो गई है ,और पेट्रोल ₹105 तथा डीजल ₹97 बिकने जा रही है,दस महीने के अंदर में ₹206 गैस सिलेंडर की दाम में बढ़ोतरी हुई है,जो एक रिकॉर्ड है, इसी तरह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी प्रतिदिन की बढ़ोतरी होना आम जनता के पॉकेट के ऊपर बोझ बढ़ता जा रहा है,बाइक,कार,ट्रैक्टर,जीप, इत्यादि में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल और डीजल की कीमतों की बढ़ोतरी से आम लोग परेशान हैं ,पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इस तरह से बढ़ोतरी होना सरकार की उदासीनता का द्योतक है, जबकि पेट्रोलियम पदार्थ उत्पादन करने वाले देश से जो पेट्रोलियम पदार्थ मिलते हैं वह बहुत सस्ते दामों में भारत सरकार को मिलती है,मगर पता नहीं किस कारणवश रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई हैं,यह समझ से परे की बात है, अगर इसी तरह इन पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी होती रही तो इसके बहुत बुरे परिणाम सामने आने वाले हैं, इससे आम जनता में रोष व्याप्त है, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण आम जनता सरकार के विरुद्ध सड़क जाम, धरना ,प्रदर्शन,जुलूस ,भूख हड़ताल करने पर मजबूर होंगे। केंद्र सरकार को चाहिए कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को स्थिर करके आम जनता में अपनी पैठ बनाए ताकि आने वाले दिनों में यह सरकार पुनः स्थापित हो सके।