40 जीविका दीदियों के बीच कार्यक्रम हुआ आयोजित बेतिया। जिले में कोई मरीज इलाज से वंचित न रह जाए और टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल किया जाए, इसके लिए दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों के साथ साथ जिले के आदिवासी इलाकों में भी स्वास्थ्य कर्मी टीबी मरीजों से मिल रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं, ताकि उनका हौसला बढ़ा रहे। अभियान को मजबूती देने के लिए जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। टीबी जागरूकता अभियान के तहत रामनगर प्रखंड के सुदूरवर्ती गोबरहिया एवं सेरवा दोन में जीविका से जुड़ीं थारू समुदाय की जीविका दीदियों के लिए केएचपीटी द्वारा सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केचपीटी की जिला लीड मेनका सिंह ने जीविका दीदियों को खेल, पोस्टर, बैनर तथा क्विज आदि गतिविधियों के माध्यम से टीबी बीमारी के लक्षण, इलाज एवं बचाव आदि की जानकारी दी । मेनका ने बताया कि अगर आपके स्वयं सहायता समूह या पड़ोस में किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक खांसी, बलगम के साथ खून का आना, शाम को बुखार आना या वजन कम होने की शिकायत हो तो उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाकर जांच कराने की सलाह दें क्योंकि ये टीबी के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त है। वही केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम ने कहा कि सामुदायिक जागरूकता से ही टीबी बीमारी को समाज से मुक्त कर सकते हैं ।
40 जीविका दीदियों के बीच कार्यक्रम हुआ आयोजित टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान के तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में टीम निर्माण अभ्यास और जीविका संरचना की भूमिका के बारे मे बताया गया। जिसमें 40 जीविका दीदियां उपस्थित थीं । जीविका दीदी पूनम व सुनीता ने बताया कि इस कार्यक्रम से जो हमें जानकारियां मिलीं उसे निश्चित ही हमलोग थारू क्षेत्रों में जा कर लोगों को जागरूक करने में लगायेंगे । केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक जितेंद्र कुमार, दीपेश कुमार राय, टीबी वालंटियर अरविंद कुमार सहित दर्जनों जीविका दीदियां उपस्थित थीं ।