राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2021 की रेस में बिहार के 6 शिक्षक

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2021 की रेस में बिहार के छह शिक्षक शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने इनकी गंभीर दावेदारी पर मुहर लगायी है और अब इन शिक्षकों को नेशनल ज्यूरी के समक्ष अपना प्रस्तुतिकरण करना होगा। ऑनलाइन होने वाले इस प्रजेंटेशन के दौरान शिक्षक अपने कार्य व उपलब्धियां बताएंगे। उनका काम किस तरह उल्लेख्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के काबिल है, इसको लेकर अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही नेशनल ज्यूरी की जिज्ञासाओं के जवाब भी देंगे।

5 अगस्त को बिहार से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2021 के बिहार से नामित किये गये सभी छह शिक्षकों की वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से पेशगी होगी। शिक्षा विभाग इसकी व्यवस्था राजधानी पटना में ही बेल्ट्रान की मदद से करेगा। नामित छह शिक्षकों में चार पुरुष जबकि दो महिला शिक्षक हैं। तीन मध्य विद्यालय जबकि तीन माध्यमिक-उच्च माध्यमिक के शिक्षक हैं। ये शिक्षक कैमूर, गया, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, मधुबनी और पटना जिले के हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेन्द्र प्रसाद सिंह ने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए बिहार से नामित इन शिक्षकों को सरकारी कार्य हेतु उपयोग किये जाने वाले वाहन से 5 अगस्त को शिक्षा विभाग के मुख्यालय पहुंचाना सुनिश्चित करें।

ये शिक्षक हैं राष्ट्रीय पुरस्कार की रेस में
राजकीयकृत मध्य विद्यालय, डरहक, रामगढ़, कैमूर के प्रभारी प्रधान शिक्षक हिरदास शर्मा, जिला स्कूल गया के शिक्षक देवेन्द्र सिंह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंगरा, मुजफ्फरपुर के प्रधान शिक्षक अमरनाथ द्विवेदी, राजकीय मध्य विद्यालय सधुआ, रफीगंज, औरंगाबाद के प्रधानाध्यापक सुनील राम, राजकीयकृत मध्य विद्यालय रांटी, मधुबनी की शिक्षिका व़ंदना दत्त, राजकीयकृत महादेव उच्च माध्यमिक विद्यालय, खुसरूपुर पटना।

राज्यस्तरीय कमेटी ने की है 74 में से छह शिक्षकों की अनुशंसा
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार में राज्यों का कोटा प्राय: तय था। बिहार के हिस्से अमूमन तीन पुरस्कार आते रहे हैं। यही कोटा तय था। कभी-कभार दो भी मिले हैं। पिछले दो साल से बिहार के एक-एक शिक्षकों को ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा जा रहा है। इस पुरस्कार के लिए 11 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन किया गया। 21 जुलाई तक जिलास्तरीय कमेटी को तीन नाम अनुशंसित करना था। राज्य स्तरीय कमेटी के पास जिलों से कुल 74 शिक्षकों के नाम इस पुरस्कार के लिए आए थे। गहन समीक्षा और उपलब्धियों की विवेचना के बाद राज्यस्तरीय कमेटी ने छह शिक्षकों के नाम केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा है। अब नेशनल ज्यूरी इन्हीं छह शिक्षकों का प्रजेंटेशन देखेगी और तब आगे का निर्णय होगा।

राष्ट्रीय पुरस्कारों के आवेदन से ही राजकीय पुरस्कार पर विचार
शिक्षक दिवस पर मिलने वाले राजकीय पुरस्कारों पर विचार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए आए आवेदनों से ही होना है। जिन 74 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन दिये हैं, वे इसके दावेदार होंगे। जिन छह शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए नामित किया गया है, उनमें जो नेशनल पुरस्कार से वंचित होंगे, माना जा रहा है कि राज्य पुरस्कार में उनकी दावेदारी सबसे प्रबल होगी।

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