–ऑफिस के बाबुओं को भी कहते हैं मास्क लगाने को
– कहा ,तय समय पर लूंगा दूसरा डोज
– कोविड अनुरूप व्यवहार को भी करते हैं प्रेरित
-अगल बगल के दुकानदारों को भी मास्क और शारीरिक दूरी के पालन के लिए समझाते हैं
बेतिया। समाहरणालय परिसर स्थित राकेश के चाय की एक प्याली मिजाज के साथ कोविड टीकाकरण पर भ्रम भी सुधारती है। जब भी कोई राकेश के पास चाय पीने आता है, बात -बात में ही सही राकेश चाय की कप के साथ टीकाकरण की नसीहत जरूर दे देते हैं। टीकाकरकण पर वह लोगों के बीच खुल कर अपनी बात रखते हैं। उनका यह मनोभाव ऐसे ही नहीं बना| कई बाबुओं ने समझाया, अपने साथ अपने परिवार का भी टीकाकरण कराया तब जाकर कहीं बात राकेश की भी समझ में आयी। राकेश कहते हैं मेरा पेशा चाय बेचने का है, ऐसे में सैंकड़ों आदमी से दिनभर संपंर्क में रहता हूं, तो मुझे संक्रमण का खतरा भी अधिक है। टीकाकरण कराकर मैंने एक कोशिश की है ताकि कोविड के संक्रमण की भयावहता से बच पाऊं। राकेश कहते हैं चाय की दुकान होने से रोज खबरों से मुखातिब रहता हूं। कुछ जानकारी वहां से तो कुछ बाबुओं द्वारा। मेरी जानकारी और समझदारी टीकाकरण और कोविड व्यवहार दोनों पर है।
ग्राहकों को मास्क की नसीहत
राकेश राउत कहते हैं- मैं खुद हर समय मास्क का उपयोग करता हूं । वहीं जो भी ग्राहक आते हैं चाहे वह वकील हों, पत्रकार हों या ऑफिस के बाबु लोग सभी को मास्क लगाने की सलाह देता हूं। जिनके पास नहीं होता वह मुझसे खरीद लेते हैं। यह मास्क मैं बिना किसी मुनाफे के बेचता हूं, ताकि लोगों के बीच जागरूकता आ सके। वहीं अगल बगल के दुकानदारों को भी मैं मास्क और शारीरिक दूरी के पालन के लिए समझाता रहता हूं।
समय पर लूंगा दूसरा डोज
राकेश राउत कहते हैं मैं जल्द ही अपने तय समय पर दूसरा डोज लेने वाला हूं। बिना दोनों डोज के मेरा टीकाकरण वैसे ही अधूरा है जैसे चायपत्ती के बिना चाय की प्याली। मैं तो दूसरे लोगों से भी कहूंगा कि जिनका भी दूसरे डोज का समय हो गया है वह जरूर अपना डोज पूरा करें। अपनी इसी व्यवहार कुशलता के कारण राकेश अपने आस-पास के क्षेत्र में काफी चर्चित भी हैं।